वज्रासन
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनवज्रासन संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. हठ योग के चौरासी आसनों में से एक जिसमें गुदा और लिग के मध्य के स्थान को बाएँ पैर की एड़ी से दबाकर उसके ऊपर दाहिना पैर रखकर पालथी लगाकर बैठते है ।
२. वह शिला जिसपर बैठकर बुद्धदेव ने बुद्धत्व लाभ किया था । यह गया जी में बोधिद्रुम के नीचे थी ।