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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

वज्रयान संज्ञा पुं॰ [सं॰, प्रा॰ वज्जजाण] वह बौद्ध मत जिसपर तंत्र का बहुत अधिक प्रभाव था । उ॰—उस काल की रचना के नमूने बौद्धों की वज्रयान शाखा के सिद्धों की कृतियों के बीच मिले हैं ।—इतिहास, पृ॰ ६ ।