वगराना क्रि॰ स॰ [सं॰ विकीर्णन] फौलाना । दे॰ 'बगराना' । उ॰—कुसुम समूढ़ रहत सुंदर सुगंध बगराई ।—प्रेमघन॰, पृ॰ १६ ।