प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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वक्रोक्ति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. एक प्रकार का काव्यालंकर जिसमें काकु या श्लेष से वाक्य का और का और अर्थ अर्थ किया जाता है ।

२. काकूक्ति ।

३. वह उक्ति जिसमें चमत्कार हो । वढ़िया उक्ति । विशेष—किसी किसी आचार्य (जैसे 'वक्रोक्तिजीवितम्' के कर्ता) ने वाक्चातुर्य को ही काव्य की आत्मा कह दिया है, जिसका और आचार्यों ने खंडन किया है ।