हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

वंड ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वण्ड]

१. वह जिसकी लिगेंद्रिय के अग्र भाग पर वह चमड़ा न हो, जो सुपारी को ढाँके रहता है ।

२. ध्वजभंग नामक रोग । पर्या॰—दुश्चर्मा । द्विनग्नक । शिपिविष्ट ।

वंड ^२ वि॰

१. बाँड़ा । हीनांग ।

२. अविवाहित (को॰) ।