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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

वंठर संज्ञा पुं॰ [सं॰ वण्ठर]

१. ताड़ के वृक्ष का कोंपल ।

२. बाँस के कल्ले का वह मोटा पत्ता जो उसे छिपाए रहता है । विशेष—यह पत्ता गाँठ गाँठ पर होता है और बहुत कड़ा तथा भूरे रंग का होता है ।

३. कुत्ते की पूँछ ।

४. वह रस्सी जिससे बकरी, गाय आदि को गले से बांधते हैं ।

५. स्तन । थन ।

६. मेघ ।

७. कुत्ता ।