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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

वंचना ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ वञ्चना] धोखा । जाल । फरेब । छल । वंचन । यौ॰—बंचनापंडित=कुशल धोखेबाज । वंचनापटु, वंचना- कुशल=वंचना करने में पंडित ।

वंचना पु ^२ क्रि॰ स॰ [सं॰ वञ्चना] धोखा देना । ठगना । उ॰— दंभ विलोक्यो कहल जो, दिल्ली नगरी जाइ । वंचतु जग जैसे फिरतु मो पै बरनि न जाइ । —केशव (शब्द॰) ।

वंचना पु ^३ क्रि॰ स॰ [सं॰ वाचन] पढ़ना । बाँचना ।