लेश
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनलेश ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. अणु ।
२. छुटाई । सूक्षमता ।
३. चिह्न । निशान । उ॰—राम सच्चिदानंद दिनेसा । नहिं तहँ मोहनिसा लवलेसा ।—तुलसी (शब्द॰) ।
४. संसर्ग । लगाव । संबंध । उ॰—जो कोई कोष भरै मुख बैना । सनमुख हतै गिरा सर पैना । तुलसी तऊ लेस रिस नाहीं । सो सीतल कहिए जग माहीं ।—तुलसी (शब्द॰) ।
५. एक अलंकार, जिसमें किसी वस्तु के वर्णन के केवल एक ही भाग या अंश में रोचकता आती है ।
६. एक प्रकार का गाना ।
७. समय का एक मान जो दो 'कला' (कुछ के मत से १२ कला) के बराबर होता है (को॰) ।
लेश ^२ वि॰ अल्प थोड़ा ।
लेश ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ लासा]
१. मिट्टी का गिलावा जो दीवार पर लगाने के लिये बनाया जाता है ।
२. किसी वस्तु को पानी में घोलकर गाढ़ा किया हुआ । गिलावा । चेप । लस । यौ॰—लेसदार = लसीला । चिपचिपा ।