लूट
क्रिया
- लूटना
- लूटो
- लूटें
संज्ञा
- लूटेरे (बहुवचन)
- लूटेरा (एकवचन)
अर्थ
किसी वस्तु आदि को बिना किसी अनुमति के ही उसके सामने से ले जाना लूट कहलाता है।
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
लूट संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ लूटना]
१. बलात् अपहरण । किसी के माल का जबरदस्ती छीना जाना । किसी की धन संपत्ति या वस्तु का बलपूर्वक लिया जान । डकैती । जैसे,— (क) दगे में बाजार की लूट हुई ।— (ख) सिपाहियों की लूट का माल खूब मिला । क्रि॰ प्र॰—करना ।—पड़ना ।—मचना ।—होना । यौ॰—लूट खसोट=(१) छीना झपटी । लूटमार । (२) शोषण । लूटखूँद, लूटमार, लूटपाट=लोगों को मारने पाटने और उनका धन छीनने का व्यापार । डकैती और दंगा ।
२. लूटने से मिला हुआ माला । अपहृत धन । जैसे, —लूट में सब सिपाहियों का हिस्सा लगा ।