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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

लावण्य संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. लवण का भाव या धर्म । नमकपन ।

२. अत्यंत सुंदरता । नमक । लोनाई । उ॰—जटा मुकुट सुरसरित सिर लोचन नलिन विशाल । नीलकंठ लावण्य निधि सोह बालविधु भाल ।—तुलसी (शब्द॰) ।

३. शील की उत्तमता । स्वभाव का अच्छापन । यौ॰—लावण्यकलित = रूपसंपन्न । सौंदर्ययुक्त । लावणकांति = सौंदर्य की दीप्ति वा प्रभा । लावण्यनिधि = सौंदर्य वा शोभ के समुद्र वा खजाना । लावण्यमय = सौंदर्ययुक्त । प्रिय । सुंदर लावण्यलक्ष्मी, लावण्यश्री = अत्यंत शोभा । आतिशय सौंदय ।