लाने पु † अव्य॰ [हि॰ लाना ( =लगाना)] वास्ते । लिये । (बुंदेल॰) । उ॰—तू अलबेली अकली डरै किन, क्यौं डरौं मेरी सहाय के लान । हे सखि संग मनोभव सी भट कान लौं बान सरासन ताने ।—पद्माकर (शब्द॰) ।