प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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लानत संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ लअनत, लानत] धिक्कार । फटकार । भर्त्सना । उ॰—हजार लानत उस दिल पर जिसमें कि इश्के दिलदार न हो ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰

२. , पृ॰ ५६९ । यौ॰—लानत मलामत = धिक्कार और फटकार । जैसे—मामूली बात पर इतनी लानत मलामत, ठीक नहीं । मुहा॰—लानत बरसना = लज्जित होना । तिरस्कृत होना । लानत की बौछार = अत्यधिक तिरस्कार । लानत भेजना = ठुकरा देना । धिक्कारना ।