हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

लाज ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ लज्जा] लज्जा । शर्म । हया । क्रि॰ प्र॰—आना ।—करना । मुहा॰—लाज रखना = प्रतिष्ठा बचाना । आबरू खराब न होने देना । लाज से गठरी होना या गड़ जाना = अत्यंत शर्मिंदा होना । लज्जा के कारण नीचे सिर किए रहना ।

लाज ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. खस । उशीर ।

२. पानी में भीगा हुआ चावल ।

३. धान का लावा । खील ।