प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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लागे † अव्य॰ [हिं॰ लगना] वास्ते । लिये । उ॰—पुत्र शरीर परा तब आगे । रोवत मृषा जीव के लागे ।—जायसी (शब्द॰) ।