प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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लट ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ लट्वा(=घुँघराले केश)]

१. सिर के बालों का समूह जो नीचे तक लटके । बालों का गिरा हुआ गुच्छा । केशपाश । अलक । केशलता । मुहा॰—लट छिटकाना=सिर के बालों की खोलकर इधर उधर विखराना ।

२. एक में उलझे हुए बालों का गुच्छा । परस्पर चिमटे हुए बाल । मुहा॰—लट पड़ना=बालों का परस्पर उलझ या चिपट जाना ।

३. एक प्रकार का बेंत जो आसाम की ओर बहुत होता है ।

४. एक प्रकार के सूत के से महीन कीड़े जो मनुष्य की आँती में पड़ जाते है और मल के साथ निकलते है । चनूना ।

लट ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ लपट] लपट । लौ । अग्निशिखा । ज्वाला । उ॰—(क) झपटि झपटत लपट, पटकि फूल फूटत, फल चटकि लट लटलि द्रुम नवायो ।—सूर (शव्द॰) । (ख) चट पट वोलहि बाँस वहु सिखि लट लागि अकास ।—गोपाल (शव्द॰) ।

लट ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. मूर्ख । बुद्धिहीन ।

२. दोष । गलती । ऐव ।

३. डाकू । बटमार [को॰] ।