लच्छा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनलच्छा संज्ञा पुं॰ [अनु॰]
१. कुछ विशेष प्रकार से लगाए हुए बहुत से तारों या डोरों आदि का समूह । गुच्छे या झुप्पे आदि के रूप में लगाए हुए तार । जैसे,—रेशम का लच्छा, सूत का लच्छा । यौ॰—लच्छे ती साड़ी=बनारसी काम की वह साड़ी जिसके किनारे आदि के तार ताने के साथ ही तने गए हो ।
२. किसी चीज के सूत की तरह लंबे और पतले कटे हुए टुकड़े । जैसे,—प्याज का लच्छा, आदी का लच्छा ।
३. इस आकार की किसी तरह बनाई हुई कोई चीज । जैसे,—रबड़ी का लच्छा ।
४. मैदे की एक प्रकार की मिठाई जो प्रायः पतले लंबे सूत की तरह और देखने में उलझी हुई डोर के समान होती है ।
५. एक प्रकार का गहना जो तारों की जंजीरों का बना होता है । यह हाथों में पहनने का भी होता है और पैरों में पहनने का भी ।
६. एक प्रकार का घटिया केसर जो नीबल या निकृष्ट श्रीणी के केसर में थोड़ा सा बढ़िया केसर मिलाकर बनाया जाता है ।
लच्छा साख संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार की संकर रागिनी ।