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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

लगी † ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ लगुड] दे॰ 'लग्गी' । उ॰—एहि विपचारइ सब बुधि ठगी । अउ भा काल हाथ लेइ लगी ।—जायसी (शब्द॰) ।

लगी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ लगना]

१. प्रेम । मुहब्बत । आशनाई । उ॰—हुजूर यह लगी बुरी होती है ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ३३२ ।

२. ख्वाहिश । इच्छा ।

५. भूख । मुहा॰—लगी बुझाना = मन की भूख मिटाना । इच्छा पूरी होना । लगी लिपटी कहना = पक्षपातपूर्ण बात कहना । लल्लो चप्पो कहना । उ॰—जो लगाए कहें लगी लिपटी । वे कभी बन सके नहीं सच्चे ।—चुभते॰, पृ॰ १७ ।