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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

लक्षी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] एक वर्णवृत्ति जिसके प्रत्येक चरण में आठ रगण होते हैं । इसे गंगोदक, गंगाधर और खंजन भी कहते हैं । उ॰—कोटि बाधा कटैं पाप सारै घटैं शभु शंभू रटैं नाथ जो मान कै ।—जगन्नाथप्रसाद (शब्द॰) ।

लक्षी ^२ वि॰ [सं॰ लक्षिन्] [वि॰ स्त्री॰ लक्षिणी] शुभ लक्षणोंवाला । शुभ चिह्नों से युक्त ।