रोशन
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनरोशन वि॰ [फा़॰]
१. जलता हुआ । प्रदीप्त । प्रकाशित । जैसे॰— चिराग रोशन करना ।
२. प्रकाशमान । चमकदार ।
३. प्रसिद्ध । मशहुर । जैसे, नाम रोशन होना । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।
४. प्रकट । जाहिर । जैसे,—जो बात है, वह आप पर रोशन है । मुहा॰—किसी पर रोशन होना =किसी पर जाहिर होना । प्रकट होना । मालुम होना ।
रोशन चौकी संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰] फुँक कर बजाने का एक बाजा । शहनाई का बाजा । नफीरी । विशेष—इसे प्रायः पाँच आदमी मिलकर बजाते हैं । एक केवल स्वर भरता है, दो उसके द्धारा राग रागिनी का गान करते हैं, एक नगाड़ा या दुक्कड़ बजाता है और एक झाँझ के द्धारा ताल देता है । यह बाजा प्रायः देवस्थानों या राजा वावुओं के द्धार पर पहर पहर पर बजाया जाता है । इसी से चौकी कहलाता है ।
रोशन जमीर वि॰ [फा़॰ रोशन + ज़मीर] उज्वल मनवाला । जिसका हृदय स्वच्छ हो । साफदिल । उ॰—तब मलूक रोशन जमीर होय पाँच पसारे सोवै ।—मलूक॰, पृ॰ ४ ।