रूबरू क्रि॰ वि॰ [फ़ा॰] संमुख । सामने । समक्ष । उ॰—(क) हमारे रूबरू आने की जरूरत नहीं ।—राधाकृष्ण (शब्द॰) । (ख) महाराज की आज्ञा पावों तो रूबरू ले आवों ।— लल्लू (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—आना ।—करना ।—जाना ।—लाना ।—होना ।