प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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रुचि ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक प्रजापति जो रौज्य मनु के पिता थे ।

रुचि ^२ संज्ञा स्त्री॰

१. प्रवृत्ति । तबीयत । जैसे— जिस काम में आपकी रुचि हो, वही कीजिए ।

२. अनुराग । प्रेम । चाह ।

३. किरण ।

४. छवि । शोभ । सुंदरता । उ॰— त्यों पद्माकर आनन में रुचि कानन भौंहैं कमान लगी है । —पद्माकर (शब्द॰) ।

५. खाने की इच्छा । भूख ।

६. स्वाद । जायका । उ॰— तब तब कहि सबरी के फलन की रुचि माधुरी न पाई ।—तुलसी (शब्द॰) ।

७. गोरोचन ।

८. कामशास्त्र के अनुसार एक प्रकार का आलिंगन जिसमें नायिका नायक के सामने उसके घुटने पर बैठकर उसे गले से लगाते है ।

९. एक अप्सरा का नाम । उ॰— देखी न जाति बिसेखी बधू किधौ हेम बरेखी रमा रुचि रंभौ ।—मन्नालाल (शब्द॰) ।

रुचि ^३ वि॰ शोभा के अनुकूल । फबता हुआ । योग्य । मुनासिव । उ॰—झीपी सादी कंचुकी कुच रुचि दीसी आज । जनु बिधि सीसी सेत मैं केसरि षीसी राज । स॰ सप्तक, पृ॰ २३५ ।

रुचि ^२ संज्ञा पुं॰ केशव के एक पुत्र का नाम ।