रीस
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनरीस ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰]
१. दे॰ 'रीति' । उ॰— वृद्ध जो सीस डुलावै सीस धुनहिं तेहि रीस । —जायसी (शब्द॰) ।
रीस ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ ईर्ष्या]
१. डाह । उ॰—वरनौं गीउ कंवु कै रीसी । —जायसी (शब्द॰) ।
२. स्पर्धा । बराबरी । उ॰— (क) सेमल बिना सुगंध तू करत मालती रीस । —दीनदयाल (शब्द॰) । (ख) कह्यो हिमालय सिव प्रभु ईस । हमकों उनसों कैसी रीस ।—सूर (शब्द॰) ।