प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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राजी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. पंक्ति । श्रेणी ।

२. राई ।

३. लाल सरसों । दे॰ 'राजि' ।

राजी ^२ वि॰ [अ॰ राजी]

१. कोई कही हुई बात मानने को तैयार । अनुकूल । संमत । उ॰— अब इतराजी मत करै, मुझ नित राजी राख । जब रस ज्यों चाहै लियो सुरँग हिये आभिलाख ।— रसनिधि (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—करना ।—रखना ।—होना ।

२. नीरोग । चंगा ।

३. खुश । प्रसन्न । उ॰—ताजी ताजी गतिन ये तब तें सीखे लैन । गाहक मन राजी करैं वाजी तेरे नैन ।— रसनिधि (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—रखना ।

४. सुखी । सुखयुक्त । यौ॰—राजी खुशी= सही सलामती । कुशल आनंद ।

राजी ‡ ^३ संज्ञा स्त्री॰ रजामंदी । अनुकूलता । उ॰—हम सब प्रजा चलहिं नृप राजी । यथा सूत प्रेरित रथ बजी ।—गोपाल (शब्द॰) ।