राजतिलक संज्ञा पुं॰ [हिं॰ राज+तिलक]
१. राजसिंहासन पर किसी नए राजा के बैठने की रीति । राज्याभिषेक । उ॰— नृपति युधिष्ठिर राजतिलक दै मारि दुष्ट की भार । द्रोण कर्ण अरु शल्य मुक्त करि मेटी जग की पीर ।—सूर (शब्द॰) ।
२. नए राजा के गद्दी पर बैठने का उत्सव ।