रसिया संज्ञा पुं॰ [सं॰ रसिक, यारस+इया (हिं॰ प्रत्य॰)] १. रस लेनेवाला । रसिक । २. एक प्रकार का गाना जो फागुन के मौसिम में व्रज और वुदेलखंड़ आदि में गाया जाता है ।