प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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रमल संज्ञा पुं॰ [अ॰] एक प्रकार का फलित ज्योतिष जिसमें पासे फेंककर उसके विदुओं के अनुसार शुभाशुभ फल का अनुमान किया जाता है । विशेष—यह शास्त्र पहले अरबी भाषा में था और मुसलमानों के साथ साथ भारतवर्ष में आया था । संस्कृत में भी पंडितों ने रमल विषयक अनेक ग्रंथ रचे है ।