रत्नाकर
हिन्दी
संज्ञा
रत्नों की खान, अर्थात समुद्र
संधि-विच्छेद: रत्न + आकर
- पर्यायवाची
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
रत्नाकर संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. समुद्र ।
२. मणियों के निकलने का स्थान । खान ।
३. रत्नों का समूह । उ॰—रत्नाकर के हैं दोऊ केशव प्रकाशकर अंबर विलास कुवलय हित मानिए ।—केशव (शब्द॰) ।
४. वाल्मीकि मुनि का पहले का नाम ।
५. भगवान् बुदुध का एक नाम ।
६. एक बोधिसत्व का नाम ।