प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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रंगमार संज्ञा पुं॰ [हिं॰ रंग+मारना] ताश का एक खेल । विशेष— ताश का यह खेल दो, तीन अथवा चार आदमियों में खेला जाता है । इसमें एक एक करके सब खेलनेवालों क ो बरावर बराबर पत्ते बाँट दिए जाते हैं और तब खेल होता है । इसमें जिस रंग का जो पत्ता चला जाता है, उसी रंग के उससे बंड़े पत्ते से वह जीता जाता है । यह ताश का सबसे सीधा खेल है ।