रंक
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनरंक ^१ वि॰ [सं॰ रङ्क] [वि॰ स्त्री॰ रंकिणी]
१. धनहीन । गरीब । दरिद्र । कंगाल । उ॰— (क) बहिरो सुनै मूक पुनि बोलै रंक चलै सिर छत्र धराई ।—सूर (शब्द॰) । (ख) ऊँचे नीचे बीच के धनिक रंक राजा राय हठनि बजाय करि डीठि पीठि दई है । —तुलसी (शब्द॰) ।
२. कृपण । कंजूस ।
३. सुस्त । काहिल । आलसी ।
रंक ^२ संज्ञा पुं॰
१. कृपण व्यक्ति ।
२. सुस्त वा काहिल आदमी ।
३. निर्धन व्यक्ति ।