याम
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनयाम ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. तीन घंटे का समय । पहर ।
२. एक प्रकार के देवगण । इनका जन्म मार्कडेय पुराण के अनुसार स्वायंभुव मनु के समय यज्ञ और दक्षिणा से हुआ था । ये संख्या में बारह हैं ।
३. काल । समय ।
४. नियंत्रण । संयम । रोक (को॰) ।
५. जाने का साधन, गाड़ी आदि (को॰) ।
६. गमन । जाना ।
७. पथ । मार्ग (को॰) ।
८. प्रगति [को॰] ।
याम ^२ वि॰ [वि॰ स्त्री॰ यामी] यम संबंधी ।
याम ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ यामि] रात । उ॰— दोऊ राजत श्यामा श्याम । ब्रज युवती मंडली विराजत देखति सुरगन बाम । धन्य धन्य वृंदाबन को सुख सुरपुर कौने काम । धनि वृष- भानु सुता धनि मोहन धनि गोपिन को काम । इनकी को दासी सरि ह्लै है धन्य शरद की याम । कैसेहु सूर जनम ब्रज । पावै यह सुख नहिं तिहुँ धाम ।—सूर (शब्द॰) ।