प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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यदु संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. ययाति राजा का बड़ा पुत्र जो देवयानी के गर्भ से उत्पन्न हुआ था । विशेष— (क) महाभारत में लिखा है कि ययति के शाप के कारण इनका राज्य नष्ट हो गया था; पर पीछे से इंद्र की कृपा से इन्हें फिर राज्य मिला था । शाप का कारण यह था कि ययति ने वृद्ध होने पर इनसे कहा था कि तुम मेरा पाप और वृद्धावस्था ले लो, जिससे मैं फिर युवक हो जाऊँ । पर इसे इन्होंने स्वीकृत नहीं किया था । श्रीकृष्णचंद्र इन्हीं के वंश में हुए थे । (ख) इस शब्द के साथ पति या राजा आदि का वाचक शब्द लगाने से श्रीकृष्ण का अर्थ होता है । जैसे,— यदुपति, यदुराज ।

२. पुराणानुसार हर्यश्व राजा के पुत्र का नाम ।