यथालब्ध ^१ वि॰ [सं॰] जितना प्राप्त हो, उसी के अनुसार । जो कुछ मिले, उसी के मुताविक ।
यथालब्ध ^२ संज्ञा स्त्री॰ जैनियों के अनुसार, जो कुछ मिल जाय उसी से संतुष्ट रहने की वृत्ति ।