प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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यत्न संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. नैयायिकों के अनुसार रूप आदि २४ गुणों के अंतर्गत एक गुण जो तीन प्रकार का होता है— प्रवृत्ति, निवृत्ति और, जीवनयोनि ।

२. उद्योग । प्रयत्न । कोशिश ।

३. उपाय । तदबीर । उ॰— पाछे पृथु को रूप हरि लीन्हों नाना रस दहि काढ़ै । तापर रचना रची विधाता बहु विधि यत्नन बाढै़ ।— सूर (शब्द॰) ।

४. रक्षा का आयोजन । हिफाजत । जैसे,—इस वस्तु को बड़े यत्न से रखना ।

५. रोगशांति का उपाय । चिकिस्ता । उपचार ।