प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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यजमान संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वह जो यज्ञ करता हो । दक्षिणा आदि देकर ब्राह्मणों से यज्ञ, पूजन आदि धार्मिक कृत्य करानेवाला व्रती । यष्टा ।

२. वह जो ब्राह्मणों को दान देता हो ।

३. महादेव की आठ प्रकार की मूर्तिया में से एक प्रकार का मूर्त्ति ।

४. परिवार का प्रधान व्यक्ति वा जात का मुखिया (को॰) ।