प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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यजन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. वेदविधि के अनुसार होता और ऋत्विक् आदि के द्वारा काम्य और नैमित्तिक कर्मों का विधि- पूर्वक अनुष्ठान करना । यज्ञ करना (यह ब्राह्मणों के षट्कर्मों में एक माना गया है) ।

२. वह स्थान जहाँ यज्ञ होता हो ।