प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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यक्ष संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक प्रकार की देवयोनि । एक प्रकार के देवता जो कुबेर के सेवक और उसकी निधियों के रक्षक माने जाते हैं । उ॰— यक्ष प्रबल बाढ़े भुवमंडल तिन मान्यो निज भ्रात । जिनके काज अंस हरि प्रगटि ध्रूव जगत विख्यात ।—सूर (शब्द॰) । विशेष— पुराणानुसार यक्ष लोग प्रचेता की संतान माने जाते हैं । कहते हैं, इनकी आकृति विकराल होती है, पेट फूला हुआ और कंधे बहुत भारी होते हैं तथा हाथ पैर धीर काले रंग के होते हैं ।

२. कुबेर । यक्षराज ।