प्रकाशितकोशों से अर्थ
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मौरी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मौर+ई (प्रत्य॰)]
१. छोटा मौर जो विवाह में बधू के सिर बाँधा जाता है । उ॰—मौर लसै उत मौरी इतै उपमा इकहू नहिं जातु लही है । केसरी बागो बनों दोउ के इत चंद्रिका चारु उसै कुलही है ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ७७७ ।