मोटाई
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनमोटाई संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मोटा + ई (प्रत्य॰)]
१. मोटे होने का भाव । स्थूलता पीवरता ।
२. शरारत । पाजीपन । बदमाशी । उ॰—डगर डगर में चलहु कन्हाई समुझि न लागै बहुत मोटाई ।—रघुनाथदास (शब्द॰) । मुहा॰—मोटाई उतरना = शेखी किरकिरी होना । दुरुस्त होना । पाजीपन छूटना । मोटाई चढ़ना = पाजी, बदमाश या घमंड़ी होना । मोटाई झाड़ना = (१) शरारात दूर होना । बदमाशी छूटना । (२) घमंड़ न रह जाना । ऐंठ निकल जाना ।