प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मोघ ^१ वि॰ [सं॰] निष्फ्ल । व्यर्थ । चूकनेवाला । उ॰— पै यह वैष्णव धनु कौ सायक । कबहुँ न मोध होने के लायक ।— रधुराज (शब्द॰) ।

मोघ ^२ संज्ञा पुं॰ घेरा । बाड़ा । बाड़ा [को॰] ।