मेवाकी क्षत्रप का उल्लेख शक क्षत्रप राजावुल और किंग सोडास के मथुरा सिंह सिलालेख मे आता हे [[१]] मथुरा सिंह राजधानी मे उल्लेख इस प्रकार हे "महान क्षत्रप कुसालका और महाक्षत्रप मेवाकी के सम्मान मे, मेवाकी क्षत्रप सर्वसतिदास के कब्जे मे! सिक्षक बुधिला नगरवासी साधु! आधुनिक ब्रज क्षेत्र प्राचीन मेवाक/मेवास का हिस्सा हे और अलवर, भरतपुर, नुंह, पलवल, पश्चिमी मथुरा के क्षेत्र को आधुनिक मेवात या ब्रज मेवात के नाम से जाना जाता हे! शककालीन मेवाक का क्षेत्र जिसे उत्तरी शक क्षत्रप भी कहा जाता हे उसका क्षेत्र उदयपुर मेवाड से मथुरा तक विस्तृत था! राजस्थान के प्राचीन दुर्ग (किला) को मेवासा कहा जाता था और उसके राजा (क्षत्रप) को मेवासी क्षत्रप/राजा कहा जाता था!

इतिहास सम्पादन

मूल सम्पादन

==संद्रभो== [[२]]