प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मेखल ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ मेखला]

१. करघनी । किंकिणी । उ॰— कटि मेखल बर हारग्रीव दइ रुचिर बाहु भुषन पहिराए ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. वह वस्तु जो किसी दुसरी वस्तु के मध्य भाग में उसे चारों ओर से धेरे हो । वि॰ दे॰ 'मेंखला' ।

मेखल ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] दे॰ 'मेकल' [को॰] ।