प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मूसा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मूषक] चूहा ।

मूसा ^२ स्त्री॰ पुं॰ [इबरानी] यहूदी लोगों के एक पैगंबर जिनको खुदा का नूर दिखाई पड़ा था । किताब या पैगंबरी मतों का आदि प्रवर्तक इन्हीं को समझना चाहिए । उ॰—यूसुफ नबी को अमर न वारा । जेहि घर माँ मूसै अवतारा ।—हिंदी प्रेमगाथा॰, पृ॰ २९२ । मूहा॰—मूसा आग लेने गए थे पैगंबरी मिल गई=करने क्या गए और क्या हो गया । मामूली चीज की कामना से जाने पर किसी को बहुत बड़ी वस्तु का मिल जाना । उ॰—यजदानी इन्कार तो कर रहे थे, पर छाती फूल जाती थी । मूसा आग लेने गए थे, पैगंवरी मिल गई ।—मान॰, भा॰ १, पृ॰ १८७ ।