प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मुदिर संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. बादल । मेघ । उ॰—(क) धाराधर जलधर जलद जग जीवन जीमूत । मुदिर बलाहक तड़ितपति परजन जज्ञ सुपूत ।—नंददास (शब्द॰) । (ख) कहै मतिराम दीने दीरघ दुरदवृंद मुदिर से मेदुर मुदित मतवारे है ।—मति- राम (शब्द॰) ।

२. वह जिसे कामवासना बहुत अधिक हो । कामुक ।

३. मेंढक ।