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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

मीठी वि॰ स्त्री॰ [हिं॰] दे॰ 'मीठा ^१' । मुहा॰—मीठी को खट्टी मान लेना=अन्यथा बुद्धि होना । और का और समझ लेना । कुछ का कुछ समझ लेना । उ॰— जाति को है अगर जिला रखना । तीन मीठी को मान ले खट्टी ।—चुभते॰, पृ॰ ५६ ।

मीठी खरखोड़ी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मीठी+खरखोड़ी] पीली जीवंती । स्वर्ण जीवंती ।

मीठी गाली संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मीठी+गाली] मधुर गाली । वह गाली जो अप्रिय न लगे । जैसे, विवाहादि के अवसर पर गाई हुई गाली ।

मीठी छुरी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मीठी +छुरी]

१. वह जो देखने में मित्र, पर वास्तव में शत्रु हो । विश्वासघातक ।

२. वह जो देखने में सीधा पर वास्तव में दुष्ट हो । कपटी । कुटिल । मुहा॰— मीठी छुरा चलाना=विश्वासघात करना कपट करना । उ॰— हमारे हित के मूल में मीठी छुरी चलाते हैं ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ २१२ ।

मीठी तूँबी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मीठी+तूँबी] कददू ।

मीठी दियार संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मीठी+दियार] महापालू वृक्ष ।

मीठी नजर संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मीठी+अ॰ नजर] प्रेम की निगाह । प्रेमभरी नजर ।

मीठी नींद संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मीठी+नींद] सुखभरी नींद । आराम और निश्चिंतता की नींद । उ॰— दो घड़ी के मेहमान हैं औ र बहुत जल्द ऐसी मीठी नीदं सोएँगे कि हर्श (हश्र) तक न जागेंगे ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ८७ ।

मीठी मार संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मीठी+मार] ऐसी मार जिसकी चोट अंदर हो और जिसका ऊपर से कोई चिह्न न दिखाई दे । भीतरी मार ।

मीठी लकड़ी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मीठी+लकड़ी] मुलेठी ।