प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मिस्त्र संज्ञा पुं॰ [अ॰] एक प्रसिद्ध देश जो अफ्रिका के उत्तर पूर्वी भाग में समुद्र के तट पर है और जो बहुत प्राचीन काल में अपनी सभ्यता और उन्नति के लिये बहुत विख्यात था । विशेष—इसके उत्तर में भूमध्यसागर, पूर्व में स्वेज की खाड़ी और पश्चिम में सहारा का रेगिस्तान है । दक्षिण में यह नील नदी के उद्गम तक चला गया है । नील नदी में प्रतिवर्ष बहुत बड़ी बाढ़ आती है जिसके कारण उसके आस पास का प्रदेश बहुत अधिक उपजाऊ है । इसके अंतर्गत चौदह प्रांत हैं । इसकी राजनगरी वा राजधानी काहिरा है और इसका सबसे बड़ा बंदरगाह अस्कंदरिया है । इधर बहुत दिनों से यह देश तुर्की के अधीन था और वहीं का राजप्रतिनिधि इसका शासन करता था; पर अब इसे अंगरेजों ने अपने संरक्षण में ले लिया । इस देश के विशुद्ध प्राचीन निवासी अब यहाँ नहीं रह गए हैं और उनकी वर्णसंकर संतान बची हैं, जिसका धर्म प्रायः इस्लाम और भाषा अरबी से उत्पन्न है । किसी समय में इस देश के निवासी उन्नति और सभ्यता की चरम सीमा पर पहुँच गए थे; और यह देश रोम, भारत, चीन आदि का समकक्ष माना जाता था; पर अब इसका पतन हो गया है । कहते हैं कि नूह के पुत्र मिस्तर ने अपने नाम पर एक नगर बसाया था, जिसके नाम पर इस देश का नाम पड़ा । बड़े बड़े भवनों और इमारतों के जितने प्राचीन खँडहर इस देश में मिलते हैं, उतने और कहीं नहीं पाए जाते । पिरामिडों के लिये भी यह देश अत्यंत प्रसिद्ध हे । अंग्रेजों का संरक्षण और उनकी इजारेदारी कर्नल नासिर के नेतृत्व में समाप्त करने के बाद अब मिस्त एक स्वतंत्र देश है ।