प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मिलनी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ मिलना + ई (प्रत्य॰)]

१. विवाह की एक रस्म जो कहीं तो कन्यादान हो चुकने के उपरांत और कहीं उससे पहले होती है । इसमें कन्यापक्ष के लोग वरपक्ष के लोगों से गले मिलते और उन्हें कुछ नकद देते हैं । कहीं कहीं यह रस्म स्त्रियों में भी होती है ।

२. दे॰ 'मिलन' ।