प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मियाँ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰]

१. स्वामी । मालिक ।

२. पति । खसम । जैसे,—मियाँ के मियाँ गए, बुरे बुरे सपने आए । यौ॰—मियाँ बीबी ।

३. बड़ों के लिये एक प्रकार का संबोधन । महाशय़ । (मुसल॰) ।

४. बच्चों के लिये एक प्रकार का संबोधन ।

५. शिक्षक । उस्ताद । यौ॰—मियाँगरी, मियाँगीरी = शिक्षक का कार्य । अध्यापन । मियाँ जी = शिक्षक ।

६. पहाड़ी राजपूतों की एक उपाधि । जैसे, मियाँ रमासिंह ।

७. मुसलमान । जैसे,—वे सब मियाँ ठहरे एक ही में खा पका लेंगे ।

८. चर । कासिद । दूत (को॰)

९. कुटना । चुगलखोरं (को॰) । †१० गायक । पक्की चीजें गानेवाला । उस्ताद ।

मियाँ ठाकुर † संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ मियाँ + हिं॰ ठाकुर] एक जाति जो अपने को न हिंदू मानती है और न मुसलमान, वरन् उभय मानती है । उ॰—ये मिया 'ठाकुर कहलाना' , कहलाना पसंद करते है । ये मानते हैं कि ये न तो हिंदू है और न मुसलमान, बल्कि उभय हैं ।—संत॰ दरिया, पृ॰ ११

मियाँ मिट्ठू संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मियाँ मिट्ठू]

१. मीठी बोली बोलनेवाला । मधुरभाषी । मुहा॰—अपने सुँह मियाँ मिट्ठू बनना = पने मुँह से अपनी प्रशंसा करना । बिना कुछ समझाए याद कराना ।

२. तोता । मुहा॰—मियाँ मिट्ठू बनाना = तोते की तरह रटाना । बिना समझाए पढ़ाना ।

३. मूर्ख । वेवकूफ । मुहा॰—मियाँ की जूती मियाँ का सिर = जिसकी चीज हो, उसका उसी के विरुद्ध व्यवहार करना । वेवकूफ बनाना ।