प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मालति पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] दे॰ 'मालती' । उ॰—(क)सरद राति मालति सघन फुलि रही बन बास । दीपक माला काम की हरि भय मुक्किय त्रास ।—पृ॰ रा॰, २ । ३९० । (ख) कुसुम माल असि मालति पाई ।—जायसी ग्रं॰ (गुप्त॰), पृ॰ ३३५ ।