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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

मारिष संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. नाटक का सुत्रधार ।

२. नाटक में किसी मान्य या प्रातिष्ठित व्यक्ति का लिये संबोधन ।

३. मरसा नामक साग ।