प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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मात्र अव्य॰ [सं॰] केवल । भर । सिर्फ । जैसे, नाममात्र, तिल मात्र । उ॰— (क) रहे तुम सल्य कहावत मात्र । अवै सह सल्य करौं सब गात्र ।— गोपाल (शब्द॰) । (ख) केवल भक्त चारि युग केरे । तिनके जे हैं चरित घनेरे । सोई मात्र कथौं यहि माहीं । कछुक कथा उपयोगिन काहीं ।—रघुराज (शब्द॰) ।